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कुण्डली में बाधक ग्रह व उनके स्थान

कुण्डली में बाधक ग्रह व उनके स्थान-

ज्योतिष शास्त्र में किसी भी चर, स्थिर और द्विस्वभाव राशि से 11वां, 9वां और 7वां भाव उन राशियों के अनुसार पड़े लग्नों के लिए बाधक स्थान होते हैं। उन राशियों के स्वामी ग्रह कुण्डली में कारक वह अच्छे होते हुए भी जातक के जीवन में रुकावटें, अड़चनें और तरक्की में बाधाएं डालते हैं। जैसे व्यवहारिक रूप में कई घनिष्ठ सम्बन्ध वाले मित्रवत संबंध होकर भी  शुभचिंतक सिद्ध नहीं होते हैं।
बाधक ग्रहों के उपाय करने से जीवन में चल रही परेशानियों में कुछ राहत मिल सकती हैं।

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